श्री भगवती गो पुनर्वास आश्रम का शुभारंभ वर्ष 2016, 8 नवंबर गोपाष्टमी के दिन मात्र दो दुर्घटना गोवंश के साथ हुआ था जिनकी संख्या आज 2021 में 256 हो गई है श्री भगवती गो पुनर्वास आश्रम मात्र दुर्घटनाग्रस्त एवं निराश्रित गोवंश की सेवा में समर्पित है ।अपने परम पूजनीय पिताजी स्वर्गीय भगवती प्रसाद गुप्ता की अंतिम इच्छा का मान रखते हुए दीपक वार्ष्णेय द्वारा गौ आश्रम की स्थापना की गई थी ।
श्री भगवती गौ पुनर्वास आश्रम प्रत्येक भारतीय तक गौ माता की वैज्ञानिकता एवं उपयोगिता को पहुंचाना चाहता है इसके लिए श्री भगवती का पुनर्वास आश्रम के सभी ट्रस्ट मेंबर्स अपना योगदान दे रहे हैं आप भी गो आश्रम से जुड़कर गौ माता के लिए अपना सहयोग दे सकते हैं।
गौ माता के सन्दर्भ में ध्यान रखे :-
गौ माता के गोबर से निर्मित शुद्ध धूप-बत्ती का उपयोग करें।
गौ गोबर के बने उपलों से रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
घर के दरवाजे पर गाय आये तो उसे खाली न लौटाएं।
गौ माता को कभी पैर न लगाए, गौ माता अन्नपूर्णा देवी कामधेनु है, मनोकामना पूर्ण करने वाली है।
गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे य गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है।
जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है।
गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है और गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है।
गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।
गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है। उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह गौ माता की पीठ पर हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।
तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है वो वैतरणी गौ माता की पूंछ पकड कर पार करता है। उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती और उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है।
जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है।
गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है छोडती है । वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
जो धैर्य पूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है।
स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र अर्क को रोजाना दो तोला सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं।
गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है।